बस यूँही...
वो महफिल ही क्या, जिसमें शोर नहीं
वो किताब ही क्या, जिसमें पन्ने नहीं
वो कलम ही क्या, जिसमें स्याही नहीं
वो बातें ही क्या, जिनमें लफ्ज़ नहीं
वो दिल ही क्या, जिसमें दर्द नहीं
वो आँखे ही क्या, जिनमें आँसू नहीं
वो तन्हाई ही क्या, जिसमें यादें नहीं
वो पल ही क्या, जिसमें तुम नहीं
Awesome Bhargavi..
ReplyDeleteThanks dear...
DeleteWell done Bhaggi❤ very nicely written 💖💖
ReplyDeleteBhaggu* (Autocorrect 😬)
DeleteThanks dear
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